| 1. | जिस प्रकार बाह्य प्रकृति के बीच वन, पर्वत,
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| 2. | प्राच्य ऋषियों का उद्देश्य बाह्य प्रकृति से अंत:
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| 3. | बाह्य प्रकृति बनी चमत्कृत चित्र थी!
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| 4. | व्यापकत्वविधायिनी पद्धति पर बाह्य प्रकृति को मूल आभ्यन्तर जगत् का
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| 5. | नरत्व की बाह्य प्रकृति और अंत: प्रकृति के नाना संबंधों और
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| 6. | अंतः और बाह्य प्रकृति में उभरती उर्वरता का भरपूर लाभ उठायें
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| 7. | प्रकृति पर विजय पा ली है, परन्तु केवल बाह्य प्रकृति पर।
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| 8. | मार्मिक परिस्थिति लक्ष्य में रखकर चलेंगी उनमें बाह्य प्रकृति के भिन्न
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| 9. | बाह्य प्रकृति को भी मिला लेने से कभी कभी प्रभाव और
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| 10. | वह अपनी आंतरिक ऊर्जा और बाह्य प्रकृति के संयोग से खिलता है।
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